Words of Grace – Hindi (अनुग्रह के शब्द)

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Words of Grace – Hindi (अनुग्रह के शब्द)

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Description

अनुग्रह के शब्द ग्रन्थ में मैं कौन हूँ?, आत्म-अन्वेषण एवं उपदेश मंजरी का समावेश है जिसमें भगवान् श्री रमण महर्षि द्वारा दिए गये उन प्रश्नों के उत्तर हैं, जो आरंभिक भक्तों-शिवप्रकाशम् पिल्लै, गंभीरम् शेषय्या एवं स्वामी नटनानन्द द्वारा पूछे गये थे ।

मैं कौन हूँ? में 1902 में भगवान् द्वारा दिए गये उन प्रश्नों के उत्तर हैं जो शिवप्रकाशम् पिल्लै ने पूछे थे । 1900-1902 की अवधि में, गंभीरम् शेषय्या ने विभिन्न प्रश्न पूछे, जिनके उत्तर भगवान् ने दिए । इन्हीं प्रश्नोत्तरों के आधार पर आत्म-अन्वेषण नाम से ग्रन्थ प्रकाशित हुआ ।

1920-1928 की अवधि में स्वामी नटनानन्द ने भी भगवान् से अपने पूछे गये प्रश्नों के उत्तरों को सुरक्षित रखा तथा बाद में वह संग्रह उपदेश मंजरी नाम से प्रकाशित हुआ ।

ये तीन मूल ग्रन्थ, भगवान् के उपदेश का सार वर्णन करते हैं । भगवान्-उपदेश पर आधारित दूसरी पुस्तकें, इन तीन मूल ग्रन्थों के उपदेश की ही व्याख्या करती हैं । इन मूल ग्रन्थों में सन्निहित उपदेश भगवान् के अनुग्रह के शब्द हैं ।

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